इस महत्वपूर्ण आयोजन में फ्रांस, सिंगापुर, नॉर्वे, इटली समेत अन्य देशों के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इसे और खास बना दिया। जिन प्रमुख वक्ताओं ने अपने विचार रखे, उनमें डॉ. ओटर एल. ओसेन, डॉ. रॉबिन टी. बाई, डॉ. कास्पर प्लूटा, डॉ. सुमेघ श्रीकांत थारेवाल, डॉ. शाकिर अली और डॉ. विजेंदर सिंह का नाम प्रमुख रहा।
संगोष्ठी में प्रस्तुत विचार-विमर्श ने न केवल तकनीकी नवाचार और स्थिरता के महत्त्व को उजागर किया, बल्कि भविष्य में करियर के अवसरों और वैश्विक सहयोग की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला। आयोजन ने वैश्विक स्तर पर इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए रुझानों और साझेदारी के नए रास्ते खोलने में अहम भूमिका निभाई।
इस अवसर पर वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, निदेशक डॉ अजय कुमार, प्राचार्य डॉ विकास गुप्ता, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ मीनाक्षी शर्मा, डॉ विजय सिंह, डॉ कुमुद कुंडु, डॉ पूजा त्रिपाठी, डॉ तृप्ति शर्मा, डॉ नीता वर्मा, और डॉ रागिनी करवायुन उपस्थिति रहे।
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