एमआईईटी इनक्यूबेशन फोरम का इनक्यूबेटी स्टार्टअप फिब्रा क्लॉथिंग
मेरठ। हमारे घरों में अक्सर बच्चों के कपड़े छोटे हो जाते हैं, जिन्हें उपयोग न होने पर बाहर फेंक दिया जाता है। इसी तरह, पुराने और पहने हुए कपड़े, जैसे कि जींस, को भी लोग दान कर देते हैं या फेंक देते हैं। लेकिन अब, इन पुराने और बेकार कपड़ों को नया जीवन देने का काम कर रहा है योगेश सिंह का स्टार्टअप फिब्रा क्लॉथिंग प्राइवेट लिमिटेड, जोकि एमआईईटी इनक्यूबेशन फोरम का इनक्यूबेटी है।
योगेश सिंह, जिन्होंने 2018 में एमआईईटी से बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग उत्तीर्ण की थी, ने अपने करियर की शुरुआत एक अमेरिकी कंपनी में 6 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर की। हालांकि, उन्हें जल्द ही एहसास हुआ कि पारंपरिक नौकरी उनके लिए नहीं है और उनमें उद्यमिता के गुण प्रबल हैं। इसी सोच ने उन्हें पर्यावरण हित में काम करने की प्रेरणा दी और उन्होंने एक अनोखा विचार विकसित किया। योगेश सिंह ने पुराने कपड़े और प्लास्टिक की बोतलें इकट्ठा कीं और उनसे धागा निकाला। इस धागे को बॉस धागे और सूती धागे के साथ मिलाकर एक नया, पर्यावरण-अनुकूल कपड़ा तैयार किया।
योगेश सिंह ने कहा हमने एक स्थायी कपड़ों का ब्रांड विकसित किया है, जिसमें हमने कचरे से प्राप्त कपड़े, जैसे कि पुन: उपयोग की गई प्लास्टिक की बोतलें और पुन: उपयोग करने योग्य कपास से बने कपड़ों का उपयोग किया है। ये सामग्रियाँ, जिन्हें अक्सर लैंडफिल में फेंक दिया जाता है और पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं, उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले कपड़ों में पुन: निर्मित किया जाता है, जो स्टाइलिश और टिकाऊ दोनों होते हैं।
योगेश सिंह की यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, बल्कि फैशन उद्योग में एक स्थायी और नवाचारी बदलाव की ओर भी संकेत करती है। इस ब्रांड के माध्यम से, फिब्रा क्लॉथिंग प्राइवेट लिमिटेड न केवल फैशन के प्रति जागरूकता बढ़ा रहा है, बल्कि एक हरित और टिकाऊ भविष्य की दिशा में भी योगदान दे रहा है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक है, बल्कि फैशन उद्योग में स्थिरता और नवाचार को भी बढ़ावा देती है।
एमआईईटी इनक्यूबेशन फोरम के सीईओ रेहान अहमद ने बताया, "फिब्रा क्लॉथिंग वर्तमान में सालाना 12 लाख रुपये का टर्नओवर बना रही है। इस ब्रांड की खासियत यह है कि जो भी ग्राहक इस फैब्रिक से बनी टी-शर्ट या शर्ट खरीदते हैं, उन्हें पर्यावरण फ्रेंडली का सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाता है।"
यह पहल न केवल ग्राहकों को टिकाऊ फैशन के प्रति जागरूक करती है, बल्कि उन्हें यह भी दिखाती है कि उनके द्वारा खरीदा गया उत्पाद पर्यावरण के लिए लाभकारी है।
0 Comments