मेरठ। बागपत-बाईपास क्रॉसिंग स्थित मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एमआईईटी) के बायोटेक्नोलॉजी व माइक्रोबायोलॉजी विभाग में दो दिवसीय विज्ञान के नवीनतम शोध व अविष्कार आधारित कार्यक्रम “बायोम- 2021” का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डीन एकेडमिक डॉ संतोष कुमार दास, प्रधानाचार्य डॉ शालिनी शर्मा, विभागध्यक्ष डॉ सार्थक भट्टाचार्य, विभागाध्यक्ष फार्मेसी डॉ विपिन गर्ग ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।
कार्यक्रम में वर्किंग मॉडल, नॉन वर्किंग मॉडल, पोस्टर प्रेजेंटेशन और क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस दौरान राजकीय इंटर कॉलेज बुढ़ाना मुजफ्फरनगर,देवास पब्लिक स्कूल बागपत,सरस्वती शिशु मंदिर कंकरखेड़ा मेरठ,सीएवी इंटर कॉलेज सदर मेरठ,इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल मेरठ से लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिता में भाग लिया।
बायोटेक्नोलॉजी के उभरते हुए क्षेत्र पर प्रकाश डालते हुए डॉ शालिनी शर्मा ने बताया की इन दिनों बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग जहां प्लांट्स और एनिमल्स के संवर्धन के लिए किया जाता है, वहीं फूड प्रोडक्ट्स आदि की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है। एंटिबॉयोटिक्स और इंसुलिन जैसी दवाओं के निर्माण में भी इसकी मदद ली जा रही है। मेडिकल साइंस में बायोटेक्नोलॉजी का फायदा फार्माकॉजिनॉमिक्स, मेडिसिन के उत्पादन, अनुवांशिक परीक्षण और जीन थेरेपी के लिए किया जाता है। कोरोना काल में बायो टेक्नोलॉजी का कार्य क्षेत्र बड़ा है,जितने भी टीके बन चुके हैं, वे सभी बायोटेक्नोलॉजी साइंस के इस्तेमाल से बनाए गए हैं।
इसके अलावा विभाग की विभिन्न प्रयोगशालाओं में विज्ञान के नवीनतम शोध आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमे हाइड्रोफ़ोनिक,एक्वाफोनिक, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, नैनो पार्टिकल से वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट,घर से निकलने वाले कचरे का इस्तेमाल करके उससे उर्जा बनाने का प्लांट, पशु जैव प्रौद्योगिकी आदि सम्मिलित थे। बायोम साइंस फेस्ट के कॉर्डिनेटर डॉ शिप्रा चौधरी, अभिनव सिंह, डॉ रेनू बाला, डॉ नितिका वत्स का सहयोग रहा।
इस अवसर पर डॉ दिव्या चौधरी, डॉ मेघा सिरोही, डॉ मेघा त्यागी, डॉ सोनिया, डॉ अलका, डॉ हिरदेश, डॉ असद, डॉ रेनू बाला, डॉ प्रियंक, डॉ पूनम, डॉ वन्दिता आदि मौजूद रहे।
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