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भारतीय कला एवं संस्कृति का संगम है सुभारती फाईन आर्ट कॉलिज - डा. जी.के. थापलियाल



मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा. जी.के. थापलियाल ने विश्वविद्यालय के नन्दलाल बोस सुभारती कॉलिज ऑफ फाईन आर्ट एंड फैशन डिजाइन का दौरा किया। कॉलिज आगमन पर कान्फ्रेन्स हॉल में डीन डा. पिन्टू मिश्रा के नेतृत्व में सभी शिक्षकों ने कुलपति डा. जी.के. थापलियाल का स्वागत किया।

डा.भावना ग्रोवर ने कुलपति महोदय का परिचय देते हुए फाईन आर्ट कॉलिज की गतिविधियों व उपलब्धियों से उन्हें अवगत कराया। 



कुलपति डा. जी.के थापलियाल ने फाईन आर्ट कॉलिज के सभी विभागों का दौरा करते हुए राजा रवि वर्मा आर्ट गैलरी में स्थापित सुन्दर चित्रों एवं कलाकृतियों का अवलोकन किया। उन्होंने फाईन आर्ट कॉलिज के विद्यार्थियों द्वारा बनाये गये रचनात्मक चित्रों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि फाईन आर्ट का क्षेत्र सौंदर्य से परिपूर्ण है और किसी भी विश्वविद्यालय का फाइन आर्ट कॉलिज उसका हृदय होता है। उन्होंने कहा कि सुभारती फाईन आर्ट कॉलिज भारतीय कला एवं संस्कृति के प्रतीक के रूप में देशभर में विख्यात है और अब वह इसको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाने में पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि कला का क्षेत्र व्यापक है और इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं है, जो विद्यार्थियों को लाभान्वित कर रही है।

इस मौके पर डा. पिन्टू मिश्रा, डा. भावना ग्रोवर, डा. पूजा गुप्ता, नेहा सिंह, विधि खंडेलवाल ने कुलपति डा. जी.के. थापलियाल को स्मृति चिहृ भेंट किया।

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