मेरठ। औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने एवं किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से औषधीय पौधों की खेती को लेकर किसान जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्नत भारत अभियान के तहत राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय गुणवत्ता परिषद के द्वारा एमआईईटी के सहयोग से कार्यशाला आयोजित हुई । इस दौरान कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला पंचायत अधिकारी रेनू श्रीवास्तव, एमआईईटी के वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, प्रधानाचार्य डॉ शालिनी शर्मा, पीएल सरन, डॉ अरुल जैसन ने किया। एमआईईटी द्वारा गोद लिए हुए गांव दत्तावर्ली, पांचली, गगोल, जमालपुर, आदि गांव से 50 किसानों ने कार्यशाला में भाग लिया
मुख्य वक्ता पी.एल सरन ने बताया की पारंपरिक फसलों की खेती करने वाले किसानों की हमेशा शिकायत रहती है कि उन्हें अपनी फसल से उस तरह का मुनाफा नहीं हासिल हो रहा है, जिस तरह की अपेक्षा है। इसके अलावा बेमौसम बारिश और आंधी तूफान से भी उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इन्हीं सब स्थितियों को देखते हुए भारत सरकार औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इन पौधों में तेजपत्ता, स्टीविया, अशोक, जटामांसी, गिलोय/गुडुची, अश्वगंधा, कुमारी, शतावरी, लेमनग्रास, गुग्गुलु, तुलसी, सर्पगंधा, कालमेघ, ब्राह्मी और आंवला शामिल हैं। औषधीय पौधों की खेती से किसानों को लाभ तो होगा ही, साथ ही देश को दवाओं की किल्लत से भी छुटकारा मिल जाएगा।
मुख्य अतिथि जिला पंचायत अधिकारी रेनू श्रीवास्तव ने कहा की औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और दवा के क्षेत्र में भारत का महत्व बढ़े, ये सुनिश्चित करना है। इस दौरान कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर डॉ शालिनी शर्मा, डॉ स्वपन स्वरूप, डॉ देवेंद्र कुमार अरोड़ा, मीडिया मैनेजर अजय चौधरी आदि मौजूद रहे।
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