CAMPUS ADDA | EDITOR AJAY CHAUDHARY
मेरठ। राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान का देश भर में "प्राथमिक चिकित्सा शिक्षा" प्रशिक्षण देने वाली संस्था "फर्स्ट एड काउन्सिल ऑफ इण्डिया’’ के साथ प्राथमिक चिकित्सा शिक्षा के सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिए शैक्षणिक करार हुआ। जिसमें विश्वविद्यालय एफएसीआई (फर्स्ट एड कॉउन्सिल ऑफ इण्डिया) के साथ मिलकर इन पाठ्यक्रमों को संचालित करेगा। यह जानकारी आज दोनो संस्थानो के बीच हुए शैक्षणिक करार एवं इसकी विवरण पत्रिका के विमोचन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी एवं एफएसीआई के चेयरमैन डॉ एस आलम ने संयुक्त रूप से दी।
श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान के डॉ सीवी रमन कान्फ्रेंस हॉल में आयोजित "शैक्षणिक करार एवं विवरण पत्रिका विमोचन" कार्यक्रम का शुभारम्भ समूह चेयरमैन डॉ सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी, कुलपति प्रो पीके भारती, डॉ एस आलम, कुलसचिव डॉ पीयूष पाण्डे आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया।
शैक्षणिक गठबंधन एवं विवरण पत्रिका के विमोचन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समूह चेयरमैन डॉ सुधीर गिरि ने कहा कि भारत जैसे 140 करोड़ जनसंख्या वाले देश में अभी भी ग्रामीण व सुदूर दुर्गम क्षेत्रो में मूलभूत स्वास्थय सेवाओ का अभाव है। पिछले एक दशक में आदरणीय प्रधानमन्त्री जी के कुशल नेतृत्व में "आयुष्मान भारत, स्वस्थ भारत-स्वच्छ भारत" जैसी योजनाओ से स्वास्थय सेवाओ में शानदार एवं प्रभावी तेजी आयी है, लेकिन यदि अन्तोदय तक (देश के अन्तिम छोर तक) स्वास्थ्य सेवाओ को पहुचाना है, तो हमे प्राथमिक स्तर पर जाकर इन स्वास्थ्य सेवाओ को ऊपर लाना होगा।
प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी ने बताया कि इन पाठ्यक्रमो के प्रशिक्षण द्वारा किसी भी दुर्घटना या आपात स्थिति में विशेषज्ञ तक पहुंचने से पहले प्राथमिक उपचार देकर लाखो लोगो की जिन्दगियों को बचाया जा सकेगा। प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण का यह पाठ्यक्रम देश में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रो में स्वास्थ्य सेवाओ के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
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