मेरठ। साइबर अटैक से बचना है तो स्वयं ही साइबर सुरक्षा का ख्याल रखना होगा। मैसेज, मेल अथवा अन्य अनजान माध्यमों से मिलने वाले संदेश, लिंक या अन्य लोक लुभावनी जानकारी से दूर रहना होगा। अपनी लॉग इन आईडी और पासवर्ड को सुरक्षित रखना होगा। यह जानकारी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के वक्ताओं ने दी। कार्यशाला का उद्घाटन साइबर सेल के एसएसपी डॉ त्रिवेणी सिंह, प्रोफेसर मंजू खारी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली, डॉ विक्रम सिंह चांसलर एनआईयू पूर्व डीजीपी यूपी पुलिस, कुलपति डॉ प्रसनजीत कुमार, रजिस्ट्रार डॉ आनंद ने किया। निदेशक डॉ हरीश कुमार तनुजा भी मौजूद रहे।
वक्ताओं ने छात्रों को बताया कि इंटरनेट के माध्यम से सोशल मीडिया पर होने वाले अपराध को साइबर अपराध कहते हैं। होशियार अपराधी या लोग इंटरनेट का गलत इस्तेमाल कर यूजर्स को अपना शिकार बना लेते हैं। बस किसी के कंप्यूटर से व्यक्तिगत जानकारी निकालना या चोरी करना और उसका दुरुपयोग करना साइबर अपराध है। इसमें दस्तावेज या डाटा चोरी धोखाधड़ी, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी घृणा अपराध शामिल है।
साइबर क्राइम के प्रकारों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि स्पैमिंग, फिशिंग, हैकिंग, चोरी, वायरस फैलना, सॉफ्टवेयर पायरेसी, फर्जी बैंक कॉल ,अफवाह फैलाना, साइबर बुलिंग चाइल्ड पोर्नोग्राफी आदि से बचने के बारे में डॉक्टर त्रिवेणी सिंह ने विस्तार से बताया। डॉ मंजू खारी बताती हैं कि स्पैमिंग और फिशिंग मेल से कैसे बचें। कार्यक्रमों में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में प्रोफेसर बाबर, डॉक्टर सुजाता अरोड़ा, प्रोफेसर मधुशमिता ,प्रोफेसर परितोष, प्रोफेसर आईवॉइस डॉक्टर प्रतिभा तेवतिया मौजूद रहे।
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