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JEE मेन प्रिपरेशन टिप्स:अगले हफ्ते से शुरू होगी इंजीनियरिंग एंट्रेंस के तीसरे फेज की परीक्षा, एक्सपर्ट से जानें आखिरी समय में कैसे करें तैयारी

 


IITs और इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन के लिए होने वाले JEE मेन की तीसरे फेज की परीक्षा 20 जुलाई से शुरू होने वाली है। कोरोना के कारण स्थगित हुई परीक्षा के लिए लाखों स्टूडेंट्स कई महीनों से इसकी तैयारी कर रहे हैं, ताकि देश के बेस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिल सके। ऐसे में स्टूडेंट्स उन टॉपिक्स पर ज्यादा ध्यान दे सकते हैं, जिनकी तैयारी पूरी हो चुकी है। साथ ही स्टूडेंट्स को अब उन चैप्टर्स पर ज्यादा फोकस करना चाहिए, जो बीते महीनों में मजबूत हो गए हैं।

परीक्षा के आखिरी समय में FIITJEE जयपुर के एक्सपर्ट ध्रुव कुमार बैनर्जी बच्चों को बता रहे हैं परीक्षा में शामिल होने से पहले तैयारी की प्लानिंग और कुछ टिप्स के बारे में-

लास्ट मिनट की तैयारी से बचें

अक्सर परीक्षा से कुछ समय पहले स्टूडेंट्स पैनिक होने की वजह से सब कुछ याद और समराइज करने में लग जाते हैं। लेकिन ऐसी तैयारी स्टूडेंट्स के किसी काम की नहीं होती, बल्कि इससे स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है। एक्टपर्ट की मानें की तो लास्ट मिनट प्रिपरेशन स्ट्रेस लेवल को बढ़ा देता है, जिससे पहले से तैयार किया हुआ कांसेप्ट पूरी तरह से याद नहीं रह पाता। इसका असर परीक्षा के बेहतर प्रदर्शन पर पड़ता है। इसलिए परीक्षा के कुछ दिन पहले से ही ऐसा रूटीन बना लेना चाहिए कि उस दौरान पहले से पढ़े हुए कांसेप्ट ही रिवाइज करें।

टाइम मैजेनमेंट का रखें खास ध्यान

परीक्षा में सफल होने के लिए तैयारी के साथ ही परीक्षा के दौरान टाइम मैजेनमेंट करना भी उतना ही जरूरी है। ऐसे में रोज मॉक टेस्ट दें, ताकि टाइम मैनेज करने के साथ ही प्रैक्टिस भी अच्छी हो जाए। पेपर को हल करते समय हमेशा उस सबजेक्ट को पहले चुनें जिसमें आपकी तैयारी सबसे अच्छी हो। इस तरह आप पेपर सही समय पर कर पाते हैं और जो विषय आपका मजबूत रहता है, उस विषय के प्रश्न छूटने की संभावनाएं भी कम हो जाती हैं। इसके साथ ही इससे कैंडिडेट का आत्मविश्वास लंबे समय तक बना रहता है, जिससे परीक्षा में स्टूडेंट का प्रदर्शन बेहतर हो जाता है। हालांकि, एक्सपर्ट के मुताबिक फिजिक्स या केमेस्ट्री से एग्जाम शुरू करने से टाइम मैनेजमेंट बेहतर होगा।

इन बातों का रखें ध्यान

नया नहीं पढ़ें, रिवीजन करें

आखिरी समय में नया पढ़ने के बजाय पहले पढ़े टॉपिक्स के रिवीजन पर ध्यान दें। यानी कि अब किसी भी नए सबजेक्ट या टॉपिक को न हाथ लगाएं। आपके कॉन्सेप्ट कितने ही क्लीयर क्यों न हों, अगर आपने रिवीजन नहीं किया तो परीक्षा हॉल में पूरी तैयारी बेकार जा सकती है।

फॉर्मूलों को पेपर पर लिख लीजिए

एग्जाम के लिए जरूरी जितने भी फॉर्मूले हैं, उन्हें एक पेपर पर लिख लीजिए और पेपर के इस टुकड़े को स्टडी टेबल, बेड और डाइनिंग टेबल के पास लगा लीजिए। इससे वे आपकी नजर में आते रहेंगे और ब्रेन में पक्के हो जाएंगे।

सिर्फ सिलेक्टेड टॉपिक्स पर फोकस करें

परीक्षा में अच्छा परफॉर्म करने के लिए वैसे तो पूरा सिलेबस ही पढ़ना होगा, लेकिन आखिरी समय में केवल सिलेक्टेड और मजबूत हो चुके टॉपिक पर ही फोकस करना चाहिए।

पिछले साल के पेपर सॉल्व करें

परीक्षा से कुछ दिन पहले जितना हो सके पिछले साल के क्वेश्चन पेपर सॉल्व करने चाहिए। इससे और कोई फायदा हो या न हो, लेकिन आप एग्जाम के पैटर्न को लेकर कॉन्फिडेंट रहेंगे। साथ ही टाइम मैनेजमेंट में भी मदद मिलेगी

लगातार न पढे़ं, ब्रेक लें

आखिरी समय में बहुत ज्यादा और लगातार पढ़ाई करने से बचें। पढ़ाई के दौरान थोड़े-थोड़े वक्त के बाद ब्रेक लेते रहना जरूरी है। अगर आप लगातार पढ़ेंगे तो एग्जाम के दौरान थकान हो सकती है और इसका असर प्रोडक्टिविटी पर पड़ सकता है।


इन टिप्स को फॉलो करें

  • कॉन्फिडेंस बूस्ट अप करने के लिए डेली मॉक टेस्ट दें और पुराने पेपर सॉल्व करें।
  • शॉर्ट्स नोट्स को रिवाइज करें और अगर नोट्स नहीं हैं तो NCERT की बुक्स अच्छे से पढ़ें।
  • मजबूत हो चुके चैप्टर्स के इंपॉर्टटेन्ट पॉइंट्स लिख-लिखकर बार-बार रिवाइज करें।
  • परीक्षा से पहले अपनी बायोलॉजिकल क्लॉक को सही करें। जिनकी परीक्षा जिस शिफ्ट में है, उस टाइमिंग के मुताबिक मॉक टेस्ट दें।
  • एंजाइटी से बचने के लिए परीक्षा से पहले एग्जाम के बारे में ज्यादा डिस्कशन ना करें।
  • बिना निगेटिव मार्किंग वाले क्वेश्चन को जरूर अटेम्प्ट करें।
  • मॉक टेस्ट की मदद से स्टूडेंट्स को अपने लेवल को चेक करने में मदद मिलेगी, ऐसे में ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट दें।
  • परीक्षा में अपने परफॉर्मेंस को लेकर पैनिक ना हो, आगे तीन और सेशन में अपने स्कोर सुधार सकते हैं।

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