क्रान्ति की मशाल जलाने वाले महानायक को सम्पूर्ण राष्ट्र के साथ वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय नमन करता है- डॉ राजीव त्यागी
Campus Adda | Editor Ajay Chaudhary
मेरठ। दिल्ली-रूडकी बाईपास स्थित वेंक्टेश्वरा संस्थान में आज भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले क्रान्ति दूत एवं 1857 की क्रान्ति के महानायक शहीद मंगलपाण्डे की 194वीं जयन्ती पर राष्ट्र के इस महान नायक को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए मंगलपाण्डे -आजादी का अग्रदूत’’ विषय पर संगौष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओ ने इस महान क्रान्तिकारी के द्वारा देश में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी जलाने से लेकर भारतीय सैनिकों को अंग्रेजी हुक्मरानो से लोहा लेने का साहस देने की इबादत लिखने पर विस्तार से प्रकाश डाला।
संगौष्ठी का शुभारम्भ वेंक्टेश्वरा समूह के चेयरमैन डॉ सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी, कुलपति प्रो पीके भारती आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया। अपने सम्बोधन में समूह चेयरमैन डॉ सुधीर गिरि ने कहा कि देश को आजाद करने की जंग में हजारो लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन ब्रिटिश हुक्मरानो के खिलाफ सबसे पहले खुला विद्रोह एवं प्रथम क्रान्ति की मशाल जलाने वाले एकमात्र नायक शहीद मंगलपाण्डे ही थे।
संगौष्ठी को प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी, कुलपति प्रो पीके भारती, कुलसचिव प्रो पीयूष पाण्डे, डॉ ब्रिगेडियर सतीश अग्रवाल ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर नर्सिंग प्रिंसिपल डॉ ऐना ऐरिक ब्राउन, विम्स के वरिष्ठ सलाहकार डॉ आरएन सिंह, परिसर निदेशक प्रभात श्रीवास्तव, उपनिदेशक दूरस्थ शिक्षा डॉ अलका सिंह, डॉ राजेश सिंह, डॉ सीपी कुशवाह, डॉ योगेश्वर शर्मा, विकास कौशिक, मारूफ चौधरी, अरूण गोस्वामी एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि उपस्थित रहे।
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