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शोभित विश्वविद्यालय में त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

 


Campus Adda / Editor Ajay Chaudhary

मेरठ। शोभित विश्वविद्यालय में  त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के द्वितीय दिवस दिनांक 6 जून 2021 को देश विदेश में कार्यरत वैज्ञानिक एवं शिक्षकों ने अपने विचार रखे।कुलपति प्रोफेसर डॉ.ए.पी.गर्ग एवं रजिस्टार ग्रुप कैप्टन एम.एन.बहुगुणा (सेवानिवृत्त)ने द्वितीय दिवस में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।इस कांफ्रेंस के आयोजक सचिव डॉ सौरभ त्यागी एवं डॉक्टर सुधीश कुमार शुक्ला आरंभ से योगदान दे रहे हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर डॉ राजीव दत्ता डॉ, डॉ अनिकेत कुमार, डॉ माया दत्त जोशी,डॉअल्पना जोशी, डॉ सब्रोता दास,डॉ संदीप कुमार, डॉ शिवा शर्मा, श्री रुपेश कुमार आशू शर्मा आदि मौजूद रहे।




इस सेमिनार के द्वितीय दिवस के टेक्निकल सेशन का शुभारंभ मैरीलैंड विश्वविद्यालय अमेरिका में शोध कर रही डॉ  दीपा रोहेला ने बायोडायवर्सिटी व कोविड-19 विषय पर वक्तव्य दिया। गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर आर.सी.दुबे ने अपने रोचक व्याख्यान में बताया कि मानव जीवन को संरक्षित रखने में पौधों का विशेष योगदान है इसलिए पौधे बचाओ जीवन बचाओ पर जोर दिया। टेरी नई दिल्ली के प्रोफेसर जे.के. गर्ग ने भारत में वैटलेंड रेस्टोरेसन के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से चर्चा की मणिपुर विश्वविद्यालय की।प्रोफेसर आशा गुप्ता ने मणिपुर के प्रमुख विभागों की पारंपरिक सामाजिक इकाइयों में बायोडायवर्सिटी  संरक्षण एवं स्वास्थ्य सुरक्षा पर पड़ने वाले सकारात्मक तत्वों के बारे में बताया।गुरु गोविंद सिंह संस्थान,नांदेड के रसायन अभियंत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रकाश जी. जाधव ने जलवायु परिवर्तन एवं ग्रीन टेक्नोलॉजी पर अपना व्याख्यान दिया 




जिसमें उन्होंने ऊर्जा के विभिन्न स्रोत जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल विद्युत ऊर्जा व हरित भवन द्वारा पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के विभिन्न उपायों की महत्वपूर्ण जानकारी दी।मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान तमिलनाडु के मुख्य वैज्ञानिक डॉ.पी. राजा ने बढ़ते हुए ग्रीन हाउस प्रभाव की परिस्थिति  में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एवं बायोडायवर्सिटी संरक्षण को बताया। प्रोफेसर वाई.के.शर्मा बायोडायवर्सिटी लॉस एवं स्वास्थ्य चुनौती विषय पर अपना व्याख्यान दिया। जे.एस.डब्ल्यू.स्टील लि.मुंबई के डॉ प्रमोद नदु शेखर ने इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट में पर्यावरण प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। डॉ अभिषेक माथुर ने  विभिन्न प्रकार के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले औषधीय पौधों से बायोएक्टिव मोलीक्यूल को अलग करने के बारे में बताया।



एन.ई. ओ गोवा  के वैज्ञानिक तिवारी ने जलवायु परिवर्तन बायोडायवर्सिटी में तूफानी धूल के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। एन. बी. आर. आई लखनऊ के वैज्ञानिक डॉ मृदुल शुक्ला ने बेहतर स्वास्थ्य में बायोडायवर्सिटी संरक्षण एवं गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए पौधों के उपयोग के बारे में बताया।इस दौरान डॉ तनवीर अरफिन  और डॉ एन. सुभाष ने भी बायोडायवर्सिटी के महत्व को   कृषि और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में बताया। इसके उपरांत देश विदेश के शोध विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर बायोडायवर्सिटी को समझाया।



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