विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वैश्विक पर्यावरण और स्वास्थ्य चुनौतियों में जैव विविधता की हानि पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
Campus Adda/ Editor Ajay Chaudhary
मेरठ। शोभित विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण के दिवस के अवसर पर वैश्विक पर्यावरण और स्वास्थ्य चुनौतियों में जैव विविधता की हानि पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र एवं कुलपति प्रोफेसर डॉक ए पी गर्ग एवं कुलसचिव ग्रुप कैप्टन मित्रानंद बहुगुणा द्वारा दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना के साथ किया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर ए पी गर्ग ने बताया कि वैश्विक पर्यावरण एवं स्वास्थ्य चुनौतियों के कारण पर्यावरण में बहुत तरह की बीमारियां पनप रही है। कोरोना जैसी घातक महामारी भी इनमें से एक है। उन्होंने यह भी बताया कि माइक्रोबियल विविधता पर्यावरण में संतुलन बनाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम के दौरान बायोलॉजिकल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर राजीव दत्ता ने सभी विभागों में हो रहे शोध कार्य एवं विभिन्न प्रयोगशालाओं में उपयुक्त विभिन्न वैज्ञानिक उपकरणों एवं उनके उपयोग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी छात्रों को दी।
सेमिनार में अपने अध्यक्षीय भाषण में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने बताया कि हमारी अर्थव्यवस्था से अधिक महत्वपूर्ण हमारी पर्यावरण व्यवस्था है जिसको हमें संरक्षित करना की आवश्यकता है। जिसके लिए हमें प्रकृति का उतना ही दोहन करना चाहिए जितनी कम से कम आवश्यकता हो इसी से हम अपनी प्रकृति को और बेहतर तरीके से संरक्षित कर सकते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय में चल रहे औषधीय पौधे रुद्राक्ष एवं कल्पतरु पर हो रही शोध कार्य के ऊपर बात करते हुए कहा कि इन दोनों पौधों के बारे में हमारे पूर्वजों द्वारा जो लिखा गया है उस भ्रांति को दूर करने के लिए हमें इनको साइंटिफिकली सिद्ध करने की आवश्यकता है। जिसके लिए शोभित विश्वविद्यालय के छात्र उसके ऊपर शोध कर रहे हैं। तत्पश्चात उन्होंने कॉन्फ्रेंस की बुक का उद्घाटन कर अन्य सभी सम्मानित सदस्यों का धन्यवाद किया।
इसी अवसर पर विद्यालय प्रांगण में विश्वविद्यालय के कुलसचिव ग्रुप कैप्टन मित्रानंद बहुगुणा रमन कौशिक एवं अन्य शिक्षकों एवं कर्मचारियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया।
इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के पहले दिन के टेक्निकल सेशन में देश और विदेश के वक्ताओं ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए प्रोफेसर अमीना ऑथर् ने यह बताया कि किस तरह से शुद्ध पर्यावरण कैंसर की रोकथाम करने में अहम भूमिका निभाता है। इसके उपरांत प्रोफेसर देवाशीष बनर्जी भूतपूर्व विभागाध्यक्ष वनस्पति विभाग सीसीएस विश्वविद्यालय ने अपने व्याख्यान में बताया कि किस तरह जैव विविधता संरक्षण से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास किया जा सकता है। प्रो एमजी तिवारी पूर्व अध्यक्ष पर्यावरण विज्ञान इंडियन साइंस कांग्रेस ने अपने व्याख्यान में वेटलैंड को जैव विविधता के लिए एक आवश्यक तत्व बताया और जैव विविधता के लिए वेटलैंड के महत्व पर चर्चा की। प्रो शार्दुल सिंह संधू डायरेक्टर आरडी विश्वविद्यालय जबलपुर ने मानव जीवन के सतत विकास में जैव विविधता के योगदान की जानकारी छात्रों से साझा की।
प्रोफेसर आरएच दहिया प्रोफेसर काशीनाथ भट्टाचार्य प्रोफेसर साहू डॉ अरुण कुमार प्रोफेसर आरसी दुबे डॉ जोसेफ एवं डॉ मनोज नाजिर ने पर्यावरण से जुड़े विषय पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर डॉ गणेश भारद्वाज, डॉ संदीप कुमार, डॉ अनिकेत कुमार डॉ माया दत्त जोशी, डॉक्टर शिवा शर्मा ,रूपेश कुमार आदि मौजूद रहे।
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