Campus Adda Live / Editor Ajay Chaudhary
मेरठ। शोभित विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योगा शिविर के दूसरे दिन प्रख्यात योग गुरु डॉ सुरक्षित गोस्वामी मुख्य वक्ता के रूप में आकर्षण का केंद्र रहे।
इसी अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने बताया कि जब किसी उत्सव को मनाने की बात आती है तो उसके पीछे कोई न कोई वजह होती। इस बार शोभित विश्वविद्यालय सातवें अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस को उत्सव के रूप में मना रहा है। हमें यह सीखने की आवश्यकता है कि योग के साथ कैसे जिया जाए ना कि योग को कैसे किया जाए। आज मनुष्य के अंदर धैर्य की कमी हो गई है लेकिन अगर आपको अपनी जड़ों को मजबूत करना है तो हमें धैर्य बनाकर रखना होगा तभी आप अपने व्यक्तित्व एवं जीवन को मजबूत बना सकेंगे ।
योग गुरु डॉ सुरक्षित गोस्वामी ने बताया कि उत्सव है तो जीवन है। हमारा जीवन पल-पल एक उत्सव का रूप होना चाहिए। यह हमें निर्धारित करना होगा कि हमें तनाव में जीना है या प्रसन्नता से जीना है। हमारे ऋषियों ने अनुसंधान किया और एक ऐसी विद्या मानव जाति के लिए उपलब्ध करा दी जिससे वह पल -पल को उत्सव के रूप में जी सके और वह विद्या योग की विद्या है।
योग की साधना समर्पण की साधना है क्योंकि समर्पण का भाव रखना ही योग है। यम और नियम को जब हम अपनाते हैं तो हम अपने जीवन को एक दिशा देते हैं। योग हमें मुस्कुराना सिखाता है। यदि योग को हम अपने जीवन का हिस्सा बनाते हैं तो जीवन उत्सवम बन जाता है। कार्यक्रम के अंत में योग गुरु डॉ गोस्वामी ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग शिविर की सराहना करते हुए विश्व विद्यालय के सभी शिक्षकों एवं कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र जी को धन्यवाद दिया। योगा शिविर के दूसरे दिन का संचालन स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन हेड शीतल खरका द्वारा किया गया।
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