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एग्रीकल्चर के छात्रों की पहली पसंद बना एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट: डॉ अभिषेक डबास



Campus Adda / Editor Ajay Chaudhary

मेरठ। शोभित विश्वविद्यालय मेरठ में नाइस स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज विभाग द्वारा विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के एग्रीकल्चर के छात्रों के लिए वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता डॉ अशोक कुमार एवं डॉ अभिषेक डबास ने  अपने विचार छात्रों के साथ साझा किए। डॉ अशोक कुमार ने बताया कि भारत एक कृषि प्रधान देश है तथा कृषि देश में रोजगार का प्रमुख स्रोत है। देश में कृषि के संवर्धन एवं विकास के लिए कृषि वैज्ञानिकों के साथ-साथ एग्रीबिजनेस प्रोफेशनल की भी बहुत ज्यादा आवश्यकता है। एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट कृषि और कृषि उत्पादों के बेहतर प्रबंधन और मार्केटिंग से संबंधित है। हर स्तर पर हैं नौकरी के अवसर- एग्रीबिजनेस प्रोफेशनल्स को बहुराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय कंपनियां 6 से 8 लाख तक का  सालाना पैकेज शुरुआत में ही दे रही हैं 




डॉ अभिषेक डबास ने  छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि   हर वर्ष 20 से 30% फसल प्राकृतिक कारणों और पुरानी तकनीकों की वजह से खराब हो जाती है इसके बेहतर प्रबंधन से खाद्यान्न संकट दूर होगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे प्रोसैस्ड और पैकेज्ड फूड की बढ़ती मांग के चलते एग्री बिजनेस प्रोफेशनल की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है उनकी बेहतर तकनीक की मदद से उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ फसलों की बेहतर मार्केटिंग और प्रबंधन में अहम भूमिका साबित हो रही है इसी को ध्यान में रखते हुए आज बीएससी एग्रीकल्चर ग्रेजुएट एवं अन्य ग्रेजुएट छात्रों की पहली पसंद एमबीए एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट बनी हुई है।

एग्री बिजनेस मैनेजमेंट का कोर्स करने वाले छात्रों के लिए बैंकिंग, इंश्योरेंस, फूड प्रोसेसिंग, रिटेल, वेयर हाउसिंग, फर्टिलाइजर और पेस्टीसाइड कंपनियों में नौकरी के अवसर हो सकते हैं। वे एग्रीकल्चर रिलेटेड इंडस्ट्रीज में कंसल्टेंसी और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस में भी नियुक्त हो सकते हैं।  भारत में बहुत कम शिक्षण संस्थाएं ही एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट में एमबीए करा रही हैं। जिसमें शोभित विश्वविद्यालय भी प्रमुख शिक्षण  संस्थान हैं, अगर  शत प्रतिशत रोजगार देने वाले कोर्स की बात करते हैं तो उसमें एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट सबसे ऊपर आता है। क्योंकि कोरोना काल में भी फार्मा बिजनेस के अलावा केवल एग्रीबिजनेस से जुड़ी बहुराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय कंपनियों ने सबसे ज्यादा छात्रों को रोजगार प्रदान किए। वेबीनार के दौरान अन्य शिक्षण संस्थाओं के एग्रीकल्चर विभाग के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षक  वेबीनार में मौजूद रहे।  


कार्यक्रम में नाइस स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज विभाग के पुरातन छात्र रजत देशवाल ने भी अपने  एक्सपीरियंस छात्रों के साथ साझा  किए। छात्र किस तरह से इन शिक्षण संस्थाओं में दाखिला लें उसके लिए शोभित विश्वविद्यालय के एडमिशन हेड अनंत त्यागी ने सभी छात्रों को एडमिशन प्रक्रिया के बारे में विस्तार पूर्वक  बताया। वेबीनार का संचालन विभाग की शिक्षिका डॉ नेहा यजुर्वेदी  द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। कार्यक्रम के अंत में वेबीनार में उपस्थित सभी छात्रों  ने विशेषज्ञ एवं शिक्षकों  को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस तरह  के वेबीनार हमें अपने  भविष्य  का चुनाव करने में सहायता करते हैं। कई छात्रों ने एमबीए एग्रीबिजनेस में होने वाले प्लेसमेंट के पैकेज के बारे में भी जानकारियां  हासिल की। 


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