कोरोनकाल में बेचैनी और घबराहट दूर करने के लिए हुआ वेबीनार
Campus Adda Live| Editor Ajay Chaudhary |
मेरठ। कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को अनिश्चितता के भंवर में धकेल दिया है। लगातार आ रही ख़बरें लोगों को बेचैन कर रही हैं। इससे लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे लोग जो कि पहले से ही बेचैनी और ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) से गुजर रहे हैं, उनके लिए कोरोना एक बड़ी मुश्किल बन गया है।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौर में मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित होने से बचाव को लेकर एमआईईटी में वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय "सचेतन द्वारा मानसिक स्वास्थ्य को सही ढंग से रखे" रहा।
वेबिनार में मुख्य अतिथि मुंबई से मनोचिकित्सक डॉ. यश वेलंकर ने बताया की लॉकडाउन में ज्यादातर समय लोगों का सोशल मीडिया पर बीत रहा है। लोग तरह-तरह की अफवाह वाले मैसेज शेयर करते हैं, जिनका असर दिमाग पर भी पड़ता है। सरकार और अन्य भरोसेमंद जरियों से मिलने वाली सूचनाओं को ही पढ़ें।
लॉकडाउन की वजह से इस समय हर कोई अपने घरों में कैद है. सेल्फ आइसोलेशन में जाने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में लोगों से फोन करके उनका हाल-चाल पूछते रहें और उन्हें यह एहसास कराते रहें कि इस मुश्किल घड़ी में आप उनके साथ हैं। दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए जब भी मुमकिन हो प्रकृति और सूर्य की रोशनी में जाएं। एक्सरसाइज करें, अच्छे से खायें और खूब पानी पीएं।
मारा दिमाग और हमारा मन अर्थात बुद्धि और मन यदि इसने मान लिया की मैं बीमार हूं तब बीमारी नहीं होगी फिर भी आप बीमारी हो जाएंगे, क्योंकि दिमाग वही काम करना है जिसे मन स्वीकार कर लेता है। दिमाग शरीर का हिस्सा है और मन आपके सूक्ष्म शरीर का हिस्सा है। भरपूर नींद और कसरत आपके दिमाग और मन को शक्ति ही प्रदान नहीं करते हैं बल्कि इम्युनिटी पावर भी डेवलप करते हैं। हमारी नींद सबसे बड़ी डॉक्टर है।
इस अवसर पर चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डायरेक्टर डॉ मयंक गर्ग, डीन एकेडमिक डॉ डीके शर्मा, डॉ. अरुण पर्वते मीडिया मैनेजर अजय चौधरी, विश्वास गौतम आदि मौजूद रहे।
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